फैक्ट चेक: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नेताओं पर हमला? जानिए वायरल वीडियो का सच
- भाजपा नेताओं को पीटने का वीडियो वायरल
- लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर किया जा रहा है शेयर
- जानिए वायरल पोस्ट की सच्चाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ ही दिन शेष है जिसके चलते सोशल मीडिया पर पॉलिटिकल पोस्ट्स की बाढ़ आ गई है। हर दिन नेताओं और प्रत्याशियों से जुड़ा पोस्ट किसी न किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होता रहता है। इस कड़ी में भाजपा नेताओं का एक वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में भीड़ को भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो पोस्ट कर सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि 'अबकी बार 400 पार' का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ जनता ऐसा सुलूक कर रही है।
दावा - जीतू बुरड़क नाम के एक्स यूजर ने 21 मार्च को अपने अकाउंट से वायरल वीडियो शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए एक्स यूजर ने पोस्ट में लिखा, "2024 बीजेपी 400 पार! लेकिन, जनता तो भाजपा का स्वागत ऐसे कर रही है।" इस वीडियो को दूसरे यूजर्स भी समान या मिलते-जुलते दावे के साथ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल - वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए हमारी टीम ने पड़ताल शुरू की। हमारी टीम ने इनविड टूल के माध्यम से वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स निकालकर गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। सर्च रिजल्ट में हमें पूरा वीडियो मिला। NYOOOZ TV नाम के यूट्यूब चैनल पर हमें 5 अक्टूबर 2017 को अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला जिसका हिस्सा वायरल वीडियो में है। वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक, दार्जलिंग में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उनके समर्थकों पर हमला किया गया।
इसके बाद हमारी टीम ने संबंधित कीवर्ड की मदद से ओपन गूगल सर्च की मदद से घटना से संबंधित जानकरी जुटाने की कोशिश की। इस दौरान हमें दैनिक जागरण की न्यूज वेबसाइट पर 6 अक्टूबर 2017 को पब्लिश की गई एक रिपोर्ट मिली। न्यूज रिपोर्ट में दी जानकारी के मुताबिक, भाजपा पार्टी के प्रतिनिधि मंडल पर हमला कर दिया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने लात-घूसों से नेताओं और कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी। प्रतिनिधि मंडल में पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष भी शामिल थे।
पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला। वायरल वीडियो का आगामी लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है। सात साल पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ चुनावी दुष्प्रचार के इरादे से वायरल किया जा रहा है। हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठ साबित हुआ।